हमने ऐसा हादिसा पहले कभी देखा न था

हमने ऐसा हादिसा पहले कभी देखा न था पेड़ थे पेड़ों पे लेकिन एक भी पत्ता न था   ख़ुशनसीबों के यहाँ जलते थे मिट्टी के चिराग़ था अंधेरा किन्तु तब इतना अधिक गहरा न था   तिर रही थी मछलियों की सैकड़ों लाशें मगर जाल मछुआरों ने नदिया में कोई फेंका न था   … Continue reading हमने ऐसा हादिसा पहले कभी देखा न था